हमारा परिचय।
विश्व में केवल एक।
पूरे देश में यह एकमात्र संगठन है जो गुमनाम, लोकप्रिय, अलोकप्रिय, बहादुर पुरुषों और महिलाओं के शहीदों, और बाल और युवा शहीदों पर साहित्य प्रकाशित कर रहा है, ब्रिटिश काल में खोज और अनुसंधान के बाद। इतना ही नहीं, यह उस साहित्य से बाहर एक शहीद चित्र गैलरी बनाने के लिए भी अथक प्रयास कर रहा है, और गाथा, बलिदान और उन शहीदों का संदेश मोबाइल शहीद संग्रहालय के माध्यम से जनता तक पहुंचाता है। इसकी वजह यह है:
शहीदों को कौन याद करता है, कौन उनके बारे में पढ़ता है?
वे देश के लिए मर गए, उनके बलिदान की कहानियाँ को सभी को पता होनी चाहिए।
हमारा संकल्प।
भारत के गौरवशाली इतिहास का युवा पीढ़ी को परिचय कराकर राष्ट्रीय व नैतिक संस्कारो से युक्त राष्ट्र के निर्माण का सन्देश देश के सभी राज्यों में पहुंचने का संकल्प।
हमारा उद्देश्य।
साधारण जनमानस विशेष रूप से युवा पीढ़ी में राष्ट्रीय चेतना एवं नैतिक मूल्यों का विकास करना है। जिससे वे अपने व अपने राष्ट्र के प्रति अपना दायित्वा समझ सकें।
24
वर्ष
5K+
स्वयंसेवक
18+
केंद्र
500+
आजीवन सदस्य
20+
संग्रहालय
120+
कार्यक्रम
हमारे संस्थापक के अमुल्य शब्द।
परमपिता का िस्मरण करता हुआ मैं महसूस करता हूँ कि अतीत के जीवन के झंझावानों ,वं क्रूर काल के प्रहारों से मैं टूट सकता था, क्योंकि तब मैं नहीं जानता था कि परमपिता ने इन्हीं प्रहारों ,वं झंझावातों में मेरी नियति और मेरे भविष्य की दिशा निर्धारित कर दी थी। दैवी शक्ति का मैं बड़ा उपकार मानता हूँ कि उसने संसार के झंझावातों ,वं क्रूर-काल के प्रहारों से टक्कर लेने के लिये अपार धैर्य प्रदान किया। इसके साथ ही उस शक्ति ने मुझे ,क नई दिशा प्रदान की। उस दिशा पर चल कर जब मैंने कार्य {ो= में प्रवेश किया तो मुझे इतने अनमोल रत्न प्राप्त हुए, कि उन रत्नों से मेरा जीवन निरंतर जगमगाता रहा। अपना कुछ खोकर भी मैं अपने संसार का सबसे अधिक संतुष्ट ,वं धनी व्यक्ति समझता रहा।
स्वर्गिय श्री रविचंद्र गुप्ता
संस्थापक
संस्थापक सदस्य
हमारी संस्था के बुनियादी स्तंभ।
स्वर्गिय श्री रविचंद्र गुप्ता
संस्थापक
श्री प्रेम शुक्ला
सह-संस्थापक
श्री सुरेश गुप्ता
अध्यक्ष