
पूरे देश में यह एकमात्र संगठन है जो गुमनाम, लोकप्रिय, अलोकप्रिय, बहादुर पुरुषों और महिलाओं के शहीदों, और बाल और युवा शहीदों पर साहित्य प्रकाशित कर रहा है, ब्रिटिश काल में खोज और अनुसंधान के बाद। इतना ही नहीं, यह उस साहित्य से बाहर एक शहीद चित्र गैलरी बनाने के लिए भी अथक प्रयास कर रहा है, और गाथा, बलिदान और उन शहीदों का संदेश मोबाइल शहीद संग्रहालय के माध्यम से जनता तक पहुंचाता है। इसकी वजह यह है:
परमपिता का स्मरण करते हुए मैं गहराई से महसूस करता हूँ कि अतीत के जीवन में आए झंझावातों और क्रूर काल के प्रहार मुझे तोड़ सकते थे। क्योंकि तब मैं अनभिज्ञ था इस तथ्य से कि उन्हीं प्रहारों और संघर्षों के बीच परमपिता ने मेरी नियति और भविष्य की दिशा पहले ही निर्धारित कर दी थी।
दैवी शक्ति का यह विशेष उपकार रहा कि उसने मुझे संसार के संघर्षों और कालचक्र की कठोर परीक्षाओं का सामना करने हेतु असीम धैर्य प्रदान किया। इसी शक्ति ने मुझे जीवन की एक नई दिशा दिखाई। जब मैंने उस दिशा पर चलकर कर्मभूमि में प्रवेश किया, तो जीवन ने मुझे ऐसे अनमोल रत्न दिए, जिनकी चमक से मेरा अस्तित्व सदैव प्रकाशित रहा।
कुछ खोकर भी मैं स्वयं को संसार का सबसे संतुष्ट और धनवान व्यक्ति मानता रहा — क्योंकि जो पाया, वह अमूल्य था।
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